घटना 17 जुलाई रात करीब 9:30 बजे की है। कपिल मिनोचा अपनी दुकान बंद कर एक्टिवा से घर लौट रहे थे। जैसे ही वह वीर सावरकर कॉलोनी की पतंजलि वाली गली में पहुंचे, दो नकाबपोश बदमाशों ने उन पर चाकू से हमला कर दिया। हमले में कपिल की गर्दन और पीठ पर गंभीर चोटें आईं। वह किसी तरह जान बचाकर भागे और पुलिस को सूचना दी। इस सनसनीखेज मामले का खुलासा एएसपी संजीव मुले ने कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया।
खून के रिश्ते ने रची साजिश
थाना देहात प्रभारी रत्नेश यादव ने टीम के साथ घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले। फुटेज से दो संदिग्धों आशिफ और अरवाज खान की पहचान हुई। गिरफ्तारी के बाद आशिफ ने जो बताया, वह चौंकाने वाला था।
पूछताछ में सामने आया कि हमले की साजिश कपिल के चचेरे भाई गणेश ने रची थी। गणेश पहले कपिल के साथ माधव चौक पर जूस की दुकान चलाता था। उसका आरोप था कि कपिल दुकान की कमाई छुपा लेता था और उसी पैसे से मथुरा, कोलारस और शिवपुरी में संपत्तियां खरीद लीं। इसके अलावा कपिल की पत्नी पूजा से भी गणेश की रंजिश थी, जिससे नाराज होकर उसने हत्या की साजिश रच डाली।
25 लाख की सुपारी, 50 हजार एडवांस
गणेश की मुलाकात आशिफ से हुई, जिसने हत्या के लिए हामी भर दी। आशिफ ने अपने साथी अरवाज को भी जोड़ा। गणेश ने हत्या के लिए 25 लाख रुपए में सौदा तय किया और 50 हजार एडवांस दे दिए। इसके बाद दानिश और छुन्ना उर्फ अजीत शाह को भी साजिश में शामिल किया गया।
आरोपियों ने घटना से पहले कपिल की कई बार रैकी की। 10-15 दिन पहले भी एक बार हमला करने की कोशिश की गई थी, लेकिन लोगों की मौजूदगी के कारण वे नाकाम रहे। 17 जुलाई की रात जब कपिल लौट रहे थे, तब आशिफ और अरवाज उनकी लोकेशन दानिश और छुन्ना को देते रहे। जैसे ही कपिल गली में पहुंचे, दानिश और छुन्ना ने उन पर हमला कर दिया। हमले में चाकू टूट गया और सभी आरोपी भाग निकले।
आरोपी गिरफ्तार, दो पर पहले से केस
वारदात के बाद सभी आरोपी अरवाज के टेंट गोदाम में मिले और फिर अपने-अपने घर चले गए। पुलिस ने सीसीटीवी, तकनीकी साक्ष्य और मुखबिरी के आधार पर सभी को पकड़ लिया। अरबाज और छुन्ना के खिलाफ पूर्व में भी आपराधिक मामले दर्ज हैं।