शिवपुरी में बुढ़ापे में बेटे-बहू से सहारा मिलने की उम्मीद रखने वाले 68 वर्षीय रिटायर्ड सहायक पशु चिकित्सक वीरेन्द्र सिंह अहिरवार आज अपने ही घर से बेघर हो गए हैं। उनका आरोप है कि पुत्रवधू लता राजौरिया ने अपने मायके वालों के साथ मिलकर उनके घर पर कब्जा कर उन्हें बाहर धक्का देकर निकाल दिया।
वीरेन्द्र ने बताया कि उनका बेटा सुनील सिंह अहिरवार गुजरात में नौकरी कर रहा है। पहले बेटे और बहू के बीच विवाद बढ़ा था, जिसके कारण बेटा गुजरात चला गया और बहू अपने मायके ग्वालियर में रह रही थी। लेकिन अब बहू ने मायके वालों के सहयोग से उनके मकान पर कब्जा कर लिया और वृद्ध पिता को दर-दर भटकने को मजबूर कर दिया।
उन्होंने बताया कि 29 सितंबर को फिजिकल थाने बुलाया गया और रात 9 बजे तक उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। 6 अक्टूबर की सुबह जब उन्होंने घर जाने की कोशिश की, तो दरवाजा नहीं खोला गया। विरोध करने पर गालियां दी गईं और धमकी दी गई कि “बुड्ढे, अब दोबारा आए तो जिंदा नहीं बचोगे।”
वीरेन्द्र सिंह ने किरायेदार महिला द्वारा रिकॉर्ड की गई वीडियो को सबूत के तौर पर पेश किया है। उन्होंने एसपी शिवपुरी से निवेदन किया है कि उनके पुत्र-पुत्रवधू के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाए, उनका मकान वापस दिलाया जाए और उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। वीरेन्द्र सिंह ने न्याय ना मिलने पर आत्महत्या करने की भी बात कही है।