जानकारी के अनुसार, पार्षद सुमित यादव अपने वार्ड की समस्या हाईवे और रेलवे कॉलोनी में स्ट्रीट लाइट की समस्या, तथा खड्डेनुमा रास्तों में मुरम डलवाने की मांग को लेकर जनसुनवाई में पहुंचे थे। लेकिन उन्हें नगर परिषद कार्यालय खाली मिला। इस दौरान कई अन्य शिकायतकर्ता भी सीएमओ और कर्मचारियों के इंतजार में बैठे रहे।
इसी से नाराज़ होकर पार्षद ने सीएमओ कक्ष और खाली पड़े कार्यालय का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें उन्होंने सीएमओ और कर्मचारियों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाते हुए कोलारस एसडीएम और कलेक्टर से कार्यवाही की मांग की।
वहीं, इस मामले में नगर परिषद सीएमओ मुकेश शारोठिया ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि “पार्षद के आरोप गलत हैं। उस समय सभी कर्मचारी मौजूद थे। मैं स्वयं विभागीय कार्य से नगर में था, जबकि जनसुनवाई जनपद बदरवास कार्यालय में आयोजित की गई थी।”
फिलहाल मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है, और प्रशासनिक जांच की मांग तेज हो रही है।