कोलारस। कोलारस नगर में हर साल की भांति इस वर्ष भी गणेश महोत्सव का आयोजन बड़े ही धूमधाम से पूरे नगर से लेकर ग्रामीण अंचलों में किया जा रहा है। इसी के चलते बुधवार को प्राचीन श्री गौरी शंकर (महादेव) मंदिर पर श्री गणेश जी उत्सव के उपलक्ष में संगीतमय श्री राम कथा का आयोजन जारी है। कथा की शुरुआत बुधवार 27 अगस्त से श्री गणेश पूजन एवं भव्य कलश यात्रा के साथ हो गई है जो कि 5 सितंबर शुक्रवार तक हवन पूर्णाहुति के विशाल भव्य भंडारे के साथ संपन्न होगी। इसी दौरान संगीतमय श्री राम कथा प्रतिदिन कथा का समय दोपहर 1:00 बजे से शाम 5:00 तक रहेगा। श्रद्धालुओं को कथा का रसपान बाहर से आए हुए अपरबल रामायण जी (करेरा वालों) के मुखारविंद से रसपान कराया जा रहा है। कथा के चौथे दिन जब प्रभु श्री राम के जन्म व उनकी बाल लीलाओं की प्रसंग प्रस्तुत किया तो पंडाल में मौजूद भक्त भाव विभोर हो उठे। श्रीराम कथा वाचक ने बताया कि अयोध्या नरेश राजा दशरथ द्वारा पुत्रेष्ठी यज्ञ करवाने के बाद विष्णु भगवान प्रकट हुए और उन्होंने माता कौशल्या को चतुर्भुजी रूप दिखाकर बताया कि वे शीघ्र ही आपके गर्भ से मनुष्य अवतार लेकर आएंगे। पुत्रेष्ठी यज्ञ का प्रसाद ग्रहण करने के बाद माता कौशल्या को राम, सुमित्रा को लक्ष्मण तथा कैकई को भरत और शत्रुघ्न पैदा हुए। पूरी अयोध्या को सजाकर खुशियां मनाई गई और घर-घर दीपक जलाए गए। रामजन्म के अतिरिक्त प्रभु राम की बाल लीलाओं व कागभुशुण्डि पर राम कृपा आदि अनेक प्रसंग भी सुनाए।इसके पूर्व महाराज ने कहा कि पृथ्वी पर जब-जब असुरों का अत्याचार बढ़ा, तब-तब ईश्वर ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर असुरों का संहार किया। जब धरा पर धर्म के स्थान पर अधर्म बढ़ने लगता है, तब धर्म की स्थापना के लिए ईश्वर को आना पड़ता है। भगवान राम ने भी पृथ्वी लोक पर आकर धर्म की स्थापना की और लोगों का कल्याण किया। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि प्रभु श्री राम ने अपने अनुज लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ, गुरु वशिष्ठ के आश्रम में शिक्षा प्राप्त की, जहां उन्हें अस्त्र-शस्त्र, शास्त्र और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया। जबकि विश्वामित्र ने राम को धनुर्विद्या और शास्त्र विद्या का ज्ञान दिया। राम ने अपने जीवन में धर्म, सत्य, दया, करुणा और कर्तव्य परायणता का पाठ समाज को सिखाया।
तत्पश्चात महाआरती की गई और प्रसादी वितरण भी किया गया। गौरी शंकर मंदिर समिति ने समस्त नगर वासियों से अनुरोध किया है कि सभी श्रद्धालु अधिक से अधिक संख्या में समय पर पधारकर धर्म लाभ लेने की अपील की गई है।