गुना में 24 घंटे में 13 इंच से ज्यादा बारिश हुई। शहर की कई कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं। यहां के बमोरी इलाके में कलोरा बांध की वेस्ट बीयर टूट गई है। बांध टूटने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने सावधानी के तौर पर बबीना से सेना की टुकड़ी बुलाई है। यहां करीब 74 लोगों की टीम बांध को दुरुस्त करने में जुटी है, इसमें सेना के साथ ही ऐन. डी. आर. ऐफ., एस. डी. इ. आर. ऐफ. और स्थानीय प्रशासन काम में जुटा है।
वहीं दतिया में सिंध के उफान पर आने से 11 गांवों को खाली कराया जा रहा है। अब तक प्रशासन ने 4 गांवों के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है।
सीएम ने रक्षा मंत्रालय से मांगी मदद
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने होमगार्ड मुख्यालय के बाढ़ आपदा नियंत्रण के स्टेट कमांड सेंटर से प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में भारी बारिश से बाढ़ और जन सुरक्षा प्रबंधन की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय से लोगों के रेस्क्यू के लिए सेना के हेलिकॉप्टर सेवा की मदद मांगी है।
सीएम ने अतिवृष्टि वाले जिलों के कलेक्टरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा की। कहा है कि जिन जिलों में बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण लोग फंसे हैं वहां के कलेक्टरों की जिम्मेदारी है कि सभी को सुरक्षित बाहर निकालें। प्रदेश के बाढ़ग्रस्त जिलों से ये रिपोर्ट...
सबसे पहले हाल शिवपुरी के कोलारस का साखनौर बाढ़ से घिरा, पचावली का पुराना पुल डूबा
कोलारस में सिंध नदी के उफान पर आने के बाद सगरौर गांव चारों ओर पानी से घिर गया है। साथ ही बहादुरपुरा, इमलावदी, डगपीपरी व कुटवारा गांव में पानी भर गया। पचावली गांव के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां सिंध नदी का स्टेट कालीन पुल डूब गया।
पुल से 10 फीट ऊपर से बहने लगा जिससे गांव में अंदर तक पानी घुस आया। बारिश के हालात से निपटने के लिए प्रशासन ने सेना की मदद ली है। रेस्क्यू टीमों के साथ सेना ने नाव और अन्य संसाधनों की मदद से 250 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है।
हालांकि 100 से ज्यादा लोग अभी भी बाढ़ में फंसे हुए हैं। पचावली गांव में करीब 30 स्कूली बच्चे पिछले 24 घंटे से फंसे हुए हैं और मदद का इंतजार कर रहे हैं। घंटे से फंसे हुए हैं और मदद का इंतजार कर रहे हैं। कुटवारा गांव में अय्यूब खान का पत्थरों व मिट्टी से बना घर ढह गया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे जवान
कोलारस एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए सेना को बुलाया गया है। झांसी से एक बटालियन मौके पर पहुंची है जो ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकाल रही है। साथ ही जरूरतमंदों तक खाद्य सामग्री और राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य भी कर रही है।
दो टीमों में बंटकर किया जा रहा रेस्क्यू
रेस्क्यू अभियान की कमान संभाल रहे आर्मी मेजर शिवम गांगुली ने बताया कि सेना दो टीमों में बंटकर अलग-अलग इलाकों में राहत कार्य जारी है। मेडिकल स्टाफ भी तैनात है। सेना के पास रेस्क्यू के लिए वोट, सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षित अधिकारी मौजूद हैं। टीम पूरी तरह तैयार है और जल्द ही सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जाएगा।
सिंध नदी उफान पर, दतिया में हाई अलर्ट
दतिया में सिंध नदी एक बार फिर अपने रौद्र रूप में आ गई है। हरसी बांध, मानीखेड़ा, समोहा पिकअप और मोहिनी पिकअप बांध से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। पानी खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गया है, जिससे दतिया जिले के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
प्रशासन ने कोटरा, मेढ़पुरा, पाली और डिमरपुरा समेत दर्जनों गांवों को खाली कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है। लगातार बढ़ते जल स्तर के कारण कोटरा, मेढ़पुरा और पाली गांव चारों ओर से पानी से घिर गए हैं।
वहीं, सुनारी, कुलैथ, लांच, अंडोरा, विलासपुर, लोकनपुरा और सेवढ़ा नगर के वार्ड क्रमांक-1 को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन की टीम गांव-गांव पहुंचकर लोगों को जागरूक कर रही है और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रही है।