ज्ञापन में बताया गया है कि मंडी में धर्मकांटा (तोल कांटा) लगे होने के बावजूद भी ट्रोलियाँ मंडी परिसर में तोले बिना ही बाहर भेज दी जाती हैं। इससे न केवल मंडी के रिकॉर्ड में गड़बड़ी हो रही है, बल्कि मंडी को प्रतिदिन लाखों रुपये के टैक्स का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
अशोक परिहार ने कहा कि मंडी अधिनियम के अनुसार, मंडी में आने वाली प्रत्येक कृषि उपज की तुलाई मंडी परिसर में अनिवार्य रूप से होनी चाहिए, ताकि मंडी टैक्स वसूली का सही रिकॉर्ड रखा जा सके। लेकिन वर्तमान में ट्रॉलियों की बिना तुलाई निकासी से टैक्स चोरी का मामला गंभीर रूप ले चुका है।
इस शिकायत के समर्थन में अकबर खान, समस्त किसान, हम्माल, तुलावटी एवं मजदूर संघ शिवपुरी के प्रतिनिधियों ने भी मांग की है कि मंडी प्रशासन तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करे और सुनिश्चित करे कि प्याज की हर ट्रॉली की तुलाई मंडी परिसर में ही हो।
मांग की है कि मंडी में पारदर्शिता और टैक्स संग्रह की प्रक्रिया को दुरुस्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय की जाए और नियमित निगरानी की व्यवस्था हो।