ICJS (Interoperable Criminal Justice System) भारत सरकार का अत्याधिक उपयोगी तथा आपराधिक न्याय व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने वाला सिस्टम है । उक्त के माध्यम से आपराधिक न्याय प्रशासन के सभी प्रमुख स्टेकहोल्डर्स जैसे- न्यायालय, पुलिस, अभीयोजन, जेल, फोरेंसिक एवं चिकित्सा विभाग एक पोर्टल पर उपस्थित होकर आपराधिक न्याय व्यवस्था के सुचारू क्रियान्वयन हेतु कार्य करेंगें तथा आवश्यक जानकारियों का आदान-प्रदान बिना किसी विलंब के सिर्फ एक क्लिक पर कर सकेंगे ।
कार्यशाला में जिला प्रधान एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद सोनी, एडीजे विधान महेश्वरी, पुलिस अधीक्षक शिवपुरी अमन सिंह राठौड़, जिला जेल अधीक्षक रमेश आर्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव मुले, जिला अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार जैन, जिला चिकित्सालय से डॉ. बीएल यादव, मेडीकल कॉलेज शिवपुरी से डॉ. राजेन्द्र मौर्य, थाना प्रभारी कोतवाली निरी. कृपाल सिंह राठौर, थाना प्रभारी देहात निरी. रत्नेश यादव, थाना प्रभारी फिजीकल निरी. नवीन यादव, थाना प्रभारी अजाक निरी. शैलेन्द्र प्रताप सिंह राजावत, थाना प्रभारी सिरसौद उनि. मुकेश दुबोलिया, सीसीटीएनएस शाखा से सउनि(क) तृप्ती चौधरी, एफएसएल से आर. लोकेन्द्र धाकड़ एवं समस्त थानों के सीसीटीएनएस ऑपरेटर उपस्थित रहे ।
कार्यशाला में प्रमुख रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा की गई
1. न्यू क्रिमिनल लॉ एवं इंटीग्रेटेड सिस्टम: जांच, अभियोजन, न्यायालय एवं जेल प्रणाली के मध्य समन्वय हेतु डिजिटल एकीकरण।
2. ई-कोर्ट, ई-समन्स और वॉरंट मॉड्यूल: विधिक दस्तावेजों की प्रक्रिया को पूर्णतः ऑनलाइन करना।
3. हॉस्पिटल इंटीग्रेशन (MedLeaPR): MLC एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट को ICJS से जोड़ना।
4. ई-प्रिज़न और ऑनलाइन पेशी: अंतर-जिला एवं अंतर-राज्यीय न्यायिक पेशियों को डिजिटल माध्यम से सुचारु रूप से संचालित करना।
5. साक्ष्य ऐप एवं ST/SC अपराध मॉड्यूल: साक्ष्य संकलन में पारदर्शिता और संवेदनशील वर्गों से जुड़े मामलों की डिजिटल निगरानी।