सूचना पर पहुंची टीम, समझाया तो परिजनों ने बाल विवाह रोका

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करैरा तहसील के सिलारपुर गांव में 16 वर्षीय बालिका के बाल विवाह की सूचना मिलने पर महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी रवि रमन पाराशर, पर्यवेक्षक गीता जाटव, थाना करेरा से सब इंस्पेक्टर अंजली सिंह, प्रआ राघवेंद्र सिंह चौहान, काजल शर्मा एवं नरेंद्र राजपूत मौके पर पहुंचे। स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अकालवती जाटव उपस्थिति रहीं।टीम ने पहुंचकर बाल विवाह रुकवाया।

बालिका के आयु प्रमाण पत्रों को देखने के बाद जब यह स्पस्ट हुआ कि बालिका की आयु 18 वर्ष से कम है,तब परिजनों को बाल विवाह के दुष्परिणाम और बाल विवाह निषेध कानून के प्रावधानों की जानकारी दी गई। काफी समझाने के बाद परिजनों ने बालिका की उम्र पूरी होने के बाद ही विवाह करने का लिखित आस्वासन दिया है। मौके पर पंचनामा भी बनाया गया।



परियोजना अधिकारी रविरमन पराशर ने बताया कि 18 वर्ष से पहले लड़की का तथा 21 वर्ष की आयु से पहले लड़के का विवाह बाल विवाह की श्रेणी में आता है। बाल विवाह में वर बधू के परिजनों के अलावा उसमे सहयोग करने वाले, सेवा प्रदाता, उसमें शामिल होने वाले लोगों को भी दोषी माना गया है। कानून में 2 साल की सजा तथा एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 

 जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग देवेंद्र सुंदरियाल ने आमजन से अपील की है यदि आपको किसी बाल विवाह की जानकारी हो तो उसकी सूचना चाइल्ड लाइन नंबर 1098, महिला हेल्पलाइन नंबर 181 या कंट्रोल रूम नंबर 07492356963 पर सूचना देकर बच्चों के विकास में सहभागी बन सकते है।

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