इस बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, आदिम जाति कल्याण विभाग सहित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक का उद्देश्य एनीमिया की रोकथाम एवं इसके उन्मूलन के लिए विभिन्न विभागों के समन्वित प्रयासों को सशक्त बनाना रहा। विद्यालयों में आयरन और फोलिक एसिड टैबलेट का नियमित वितरण: यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी पात्र बच्चों को समय पर टैबलेट्स और सिरप की नियमित खुराक मिलें। ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान बच्चे के अभिभावकों को प्रत्येक मंगलवार को नीली गुलाबी उम्र अनुसार खाने की समझाइश दी जाए।किशोरियों और बच्चों की स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग: नियमित स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से एनीमिया की पहचान और उपचार की व्यवस्था की जाएगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका पर चर्चा हुई। जनजागरूकता बढ़ाने और पोषण संबंधी जानकारी देने में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अहम भूमिका निभाएँगी तथा 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों के माता पिता को VHND के दौरान आयरन सिरप की उपयोगिता को बढ़ावा देने के लिए सत्र आयोजित किए जाए।
जन-जागरूकता अभियान समुदाय स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएँगे, जिसमें महिलाओं और किशोरियों को सही पोषण की जानकारी दी जाएगी।सम्भागीय समन्वयक ऋषिकांत पांडेय ने बताया कि आई एफ ए सामग्री और मेडिकल सपोर्ट की सभी स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूल तथा आंगनवाड़ी केंद्रों पर आवश्यक दवाओं और परीक्षण साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।सेक्टर स्तर पर बैठके करके जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय स्थापित करके अभियान का क्रियान्वयन करे। एस.डी.एम. अजय शर्मा ने सभी विभागों को अभियान को सफल बनाने के लिए समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। इस दौरान बीएमओ डॉ रोहित भदकारिया, बीसीएम अवधेश गौरैया, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, बीआरसी तथा सीडीपीओ, डब्लू एच ओ प्रतिनिधि सहित विभाग के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति रही।