यह था मामला
29 सितंबर 2025 को फरियादी वीरेंद्र कोहली (निवासी ग्राम कोकर, थाना सियोहर, जिला शिवपुरी) ने थाना नरवर में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया था कि राजू कोहली, ओमप्रकाश कोहली, सुंदर कोहली, मलखान कोहली और मनीष कोहली ने उसकी पत्नी के अवैध संबंधों के शक में उसके भाई राजकिशोर कोहली की हत्या कर दी और उसे (वीरेंद्र) गोली मारकर घायल कर दिया। पुलिस ने वीरेंद्र की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जाँच शुरू की थी।
जाँच में सामने आया चौंकाने वाला सच
पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव मूले के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी (SDOP) प्रभारी नरवर और चौकी प्रभारी ममरोनी ने मामले की गहराई से छानबीन की।
जाँच के दौरान, नामजद आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला। इसके बजाय, फरियादी वीरेंद्र का व्यवहार और आचरण संदिग्ध पाया गया। पुलिस को कुछ ऐसे तकनीकी साक्ष्य मिले जो सीधे वीरेंद्र की ओर इशारा कर रहे थे।
हत्या का कारण और तरीका
सख्ती से पूछताछ करने पर फरियादी वीरेंद्र कोहली ने आखिरकार अपना गुनाह कबूल कर लिया।
वीरेंद्र ने बताया कि उसकी पुश्तैनी संपत्ति के विवाद में उसके दो भाइयों से अनबन चल रही थी।
उसने अपने दो मित्र त्रिलोक रावत और राहुल रावत के साथ मिलकर राजकिशोर की हत्या की साजिश रची।
28 सितंबर 2025 की रात को वीरेंद्र अपने साथियों के साथ मिलकर राजकिशोर को शराब पिलाई और नशे में उसे सुनसान जगह पर ले जाकर गोली मारकर हत्या कर दी।
हत्या को लूट का रूप देने और खुद को बचाने के लिए, वीरेंद्र ने अपने साथी से खुद के पैर में भी गोली लगवा ली थी और इसके बाद पूरी कहानी मनगढ़ंत बनाकर पुलिस को बताई थी।
आरोपियों की गिरफ्तारी
पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर मुख्य आरोपी वीरेंद्र कोहली और उसके साथी त्रिलोक रावत को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से घटना में इस्तेमाल की गई 315 बोर की कट्टा और 02 मोटरसाइकिल व एक मोबाइल भी ज़ब्त किया गया है।
पुलिस ने बताया कि इस पूरे मामले के खुलासे में थाना प्रभारी निरिक्षक विनय यादव, उपनिरीक्षक जुली तोमर, और अन्य पुलिसकर्मियों की टीम ने सराहनीय भूमिका निभाई है।