यज्ञों के द्वारा भगवान को प्रसन्न किया जाता है एवं देवता भी पृथ्वी पर आकर के यज्ञ करते हैं एवं भगवान श्री राम ने भी यज्ञ किया श्री भगवान कृष्ण ने भी यज्ञ किया पांडवों ने भी यज्ञ किया ऐसा कोई भी महापुरुष पृथ्वी पर नहीं हुआ जिसने यज्ञों के द्वारा संसार का कल्याण न किया हो यज्ञों के द्वारा ही संसार को सुखी रखा जा सकता है और यज्ञ के द्वारा ही प्रकृति को शुद्ध किया जा सकता है क्योंकि यज्ञ ही प्रकृति को शुद्ध रखने का सबसे बड़ा माध्यम है यज्ञ के द्वारा ही ईश्वर की प्राप्ति तो होती ही है साथ में प्रकृति शुद्ध होती है एवं प्रकृति में रहने वाला प्रत्येक जीव पृथ्वी पर रहने वाला प्रत्येक जीव चींटी से लेकर के हाथी तक सभी के लिए यज्ञ कल्याणकारी माना गया है इसलिए ब्रह्मा जी ने जब सृष्टि रची तभी यज्ञ की रचना भी कर दी क्योंकि यज्ञों के द्वारा ही देवताओं को भोजन प्राप्त होता है यह प्रवचन श्री पाट वाले बाबा सिद्ध स्थान जो की ग्राम अनंदपुर एवं पिपरौदा के मध्य स्थित है वहां पर चल रहे विशाल आयोजन में आचार्य श्री बृजभूषण महाराज ने बताया की यज्ञों के बिना तो प्रकृति को सुरक्षित रखना बहुत ही मुश्किल का कार्य होगा जिस समय यज्ञ होना बंद हो जाएंगे उस समय प्रकृति में हमको बहुत बड़ी हलचल देखने को मिलेगी क्योंकि बहुत सी शक्तियां हैं जो कि संसार को मिटाना चाहती है
ऐसी शक्तियों का नाश करने के लिए यज्ञों की रचना की गई यज्ञ में वेद मंत्र जो बोले जाते हैं वेद मंत्रों के प्रभाव से अपने आप ही बुरी आत्माओं का प्रभाव समाप्त हो जाता है एवं उन दुष्ट आत्माओं का उद्धार भी यज्ञों के द्वारा संभव है आचार्य जी ने बताया कि जो रोगी हो दुखी हो उसका भाग्य रूठ गया हो ऐसी स्थिति में वह यज्ञों के द्वारा मनुष्य को सुखी किया जा सकता है श्री मद भागवत कथा के छठवें दिन आचार्य जी ने सुंदर रासलीला का चरित्र सुनाया कंसवध लीला का प्रसंग सुनाया एवं कथा के विश्राम में सुंदर रुक्मणी कृष्ण का विवाह सुनाया और उन्होंने बताया कि परमात्मा की लीलाओं के श्रवण मात्र से ही मनुष्य अपना कल्याण कर सकता है मनुष्य को चाहिए कि कर्म तो करें परंतु धर्म का त्याग ना करें क्योंकि धर्म का त्याग कर देने से मनुष्य का आगे का मार्ग रुक जाता है उसकी उन्नति रुक जाती है इसलिए प्रत्येक मनुष्य को चाहिए कि भगवान की कथाओं का रस पान करें उनकी लीलाओं का रसपान करें एवं यज्ञ अनुष्ठान अवश्य अपने जीवन में करावे यह आयोजन 11 मई से 18 मई तक आयोजित किया जा रहा है एवं इसमें क्षेत्र के हजारों संख्या में भक्तजन पधार रहे हैं एवं भागवत कथा का आनंद लेते हैं सुबह यज्ञ का आनंद लेते हैं एवं रात्रि में श्री राम लीला का दर्शन कराया जाता है