ग्राम बरखेड़ा में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण के चतुर्थ दिवस में पंडित अशोक आचार्य जी ने अपनी ओजस्वी वाणी से गज और ग्राह की कथा एवं दिवस के अंतिम चरण में भगवान श्री राम एवं कृष्ण जन्मोत्सव की कथा बड़े ही सुंदर ढंग से श्रोताओं को श्रवण कराई। आचार्य जी ने कथा श्रवण करते हुए कहा की व्यक्ति को अपने जीवन में सत्य बोलकर सन्मार्ग पर चलना चाहिए इसके साथ ही प्रतिदिन गौ सेवा करना चाहिए इससे व्यक्ति का उद्धार एवं ईश्वर प्राप्ति संभव हो सकती है। पंडित जी ने बताया कि ईश्वर पर चढ़ाए हुए फल फूल या पूजन सामग्री कभी भी जमीन पर नहीं गिरना चाहिए इससे सामग्री का अपमान होता है। जब व्यक्ति अपने जीवन में दिल भर डूबने से बचता है तो उसे समय मेरे गोविंद को याद कर लेना क्योंकि कष्ट हरण करने वाला मेरा गोविंद ही है जो व्यक्ति के संकट में खड़ा होता है जैसे की द्रोपती के चीर हरण के समय ही मेरे कन्हैया ने चीर को बढ़ाया था जैसे भक्त पहलाद ने ईश्वर को याद किया द्रोपती ने ईश्वर को याद किया ठीक उसी प्रकार आप लोग भी ईश्वर का भजन करें चिंतन करें जिससे विपत्ति का हरण हो सके। कथा का चित्र बड़े शांत एवं भजनों के साथ भक्तों को श्रवण कराया जा रहा है साथ में भजन एवं अनुष्ठान कर्ता विनोद बैरागी जी विकास जी एवं बंटी महाराज के द्वारा मूल पाठ किया जा रहा है कथा का समापन 18 में को है कथा के मुख्य लक्ष्मण लाल धाकड़ में अपील की है कथा सुनने के लिए भक्तगण पधारे।