शिवपुरी। भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में मंगलवार को किसानों ने कलेक्ट्रेट के सामने दोपहर 12 बजे से धरना-प्रदर्शन किया। करीब दो घंटे तक चले इस आंदोलन के बाद किसान सड़क पर भी उतरे और फिर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन व धरना भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष बृजेश धाकड के नेतृत्व में दिया गया।
अतिवृष्टि से खरीफ की 80% फसलें नष्ट होने पर किसानों ने मुआवजा व बीमा राशि तुरंत दिलाने की मांग की। बाढ़ सर्वे में गड़बड़ी, खाद संकट, आवारा गौधन, नकली बीज-खाद और बिजली समस्याओं को लेकर भी आवाज उठाई। जिलाध्यक्ष बृजेश धाकड़ ने प्रशासन पर तंज कसते हुए कहा “किसानों से लिए जाने वाले हर काम की रिश्वत की रेट लिस्ट ही दफ्तरों पर चस्पा कर दो। जिलाध्यक्ष श्री धाकड़ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसानो की मांगो और समस्याओ कै जल्द निराकरण नही किया गया तो भारतीय किसान संघ हजारो किसानो के साथ मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेगा, बहां धरना देगा। जिसका जिम्मेदार शासन-प्रशासन होगा।
धरना-प्रदर्शन में भारतीय किसान संघ के प्रांत कार्यकारिणी सदस्य राजकुमार रघुवंशी, प्रांतीय सदस्य पवन शर्मा, प्रांतीय सदस्य चौधरी भूपेंद्र सिंह गुर्जर, संभागीय अध्यक्ष कल्याण यादव, जिलाध्यक्ष बृजेश धाकड़, जिला मंत्री बृजेश शर्मा, जिला उपाध्यक्ष योगेश बर्मा, दामोदर बर्मा और मातृशक्ति की जिला संयोजक अवंती लोधी सहित जिले की सभी तहसीलों से हजारों की संख्या में किसान मौजूद रहे।
किसानों की मुख्य मांगें
1. अतिवृष्टि से नष्ट 80% खरीफ फसलों का सर्वे कर मुआवजा व बीमा राशि तुरंत दी जाए।
2. कोलारस बाढ़ सर्वे में अनियमितताओं की जांच कर पात्र किसानों को राहत मिले।
3. रबी सीजन में पर्याप्त डीएपी-यूरिया उपलब्ध हो, तहसील स्तर पर नगद वितरण केंद्र बढ़ें।
4. आवारा गौधन से फसल बचाने गौशालाओं की व्यवस्था व गौ अभयारण्य बनाए जाएं।
5. किसानों को लागत आधारित लाभकारी मूल्य तय कर दिया जाए।
6. खेती से जुड़ी वस्तुओं पर जीएसटी पूरी तरह समाप्त हो।
7. नामांतरण, बटवारा, सीमांकन जैसी राजस्व समस्याओं का समयबद्ध निराकरण हो।
8. जले ट्रांसफार्मर 24 घंटे में बदले जाएं, पुराने पोल-तार सुधारे जाएं, बिजली बिल माफ हों।
9. नकली खाद-बीज बेचने वालों पर रोक लगाई जाए।
10. बैराड़ तहसील के गोवर्धन से पोहरी-मोहना रोड़ से खुरई तक के 100 साल से अधिक पुराने मार्ग का डामरीकरण कराया जाए।
11. ग्राम गूगरपट्टी व जाफरपुर के किसानों की निजी पट्टा भूमि पर वन विभाग का हस्तक्षेप बंद किया जाए।