प्रदर्शन से पहले कार्यकर्ता पोलो ग्राउंड में एकत्र हुए, जहां से रैली कोर्ट रोड, अस्पताल चौराहा और अग्रसेन चौराहा होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। यहां महासभा अध्यक्ष इंजीनियर गिर्राज दुलारा के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया, जो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और ओबीसी आयोग को संबोधित था।
ज्ञापन में कहा गया कि आजादी के 75 साल बाद भी ओबीसी वर्ग को उनकी जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। 1931 के बाद से जातिगत जनगणना नहीं हुई, जिससे ओबीसी वर्ग की सही स्थिति सामने नहीं आ पाई। महासभा ने आरोप लगाया कि केंद्र ने जातिगत जनगणना की घोषणा तो की, लेकिन राज्य सरकार 27 प्रतिशत आरक्षण को लागू नहीं कर पा रही है, जबकि इस पर कोई न्यायिक रोक भी नहीं है।
महासभा ने चेताया कि यदि 15 दिनों में मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 28 जुलाई को भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा। इस प्रदर्शन को जिला पंचायत सदस्य मनीराम लोधी और पोहरी विधायक कैलाश कुशवाह का समर्थन भी मिला।
विधायक कुशवाह ने कहा, कांग्रेस सरकार ने 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था, लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता में आकर ओबीसी वर्ग के हक को छीन लिया।