शिवपुरी : दुनिया में रक्तदान यही एक ऐसा दान है जिसको महादान माना जाता है. शिवपुरी में ऐसे लोगों की यूं तो लंबी फेहरिस्त है जो हर तीसरे माह इस विश्वास के साथ रक्तदान करते हैं कि किसी का जीवन बचाया जा सके. आईए मिलते हैं ऐसे ही कुछ महादानियों से जो समाज के लिए अपने इस काम से प्रेरणाश्रोत बन चुके हैं.
मेरठ: यूं तो आपने बड़े-बड़े दानवीरों के बारे में सुना होगा, लेकिन आज हम जिन महादानियों के बारे में बात करने जा रहे हैं वह अपने विशेष कर्तव्य के चलते असल जीवन में महादानी हैं और किसी नायक से कम नहीं हैं. हम बात कर रहे हैं मेरठ के रहने वाले सुनील प्रताप सिंह और राहुल वर्मा के बारे में.
विनोद पुरी गोस्वामी पुत्र आदित्य पूरी गोस्वामी शिवपुरी की पृष्ठ भूमि से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन उनके रगों में जो खून बहता है उसे वह लगातार दान करते रहते हैं. वह ऐसे शख्स हैं जिन्होंने अब तक तीसरी बार ब्लड डोनेट किया है. उनका मानना है कि कई बार ऐसी दुर्घटना हो जाती हैं जब किसी की भी जान पर बन आती है.
ऐसे में जब किसी को चोट लगती है एवं अति ज्यादा तबीयत खराब रहती है तो स्वाभाविक है कि रक्तश्राव भी होना लाजिमी है. ऐसे में वह हर मुमकिन मदद ऐसे व्यक्ति की करने की इच्छा रखते हैं औऱ आवश्यकता लगती है तो औऱ लोगों को भी मदद के लिए बुलाते हैं.
आदित्य पुरी गोस्वामी बताते हैं कि ईश्वर की कृपा है कि वह हर तीसरे बार रक्तदान कर हैं. उनके शरीर में गजब की फुर्ती बनी रहती है. कई बार कुछ लोग भ्रम उतपन्न करते हैं कि ब्लड डोनेट करने से कमजोरी आ जाती है. ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए, लेकिन ये सब बाते निरर्थक हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें बेसब्री से इंतजार रहता है कि कब फोन आए कब में रक्तदान किए हुए हों और वह पुनः ब्लड डोनेट करें. सुकू
आदित्य पुरी गोस्वामी बताते हैं कि सैकड़ों लोगों को प्रेरित करके रक्तदान करने के लिए आगे लाए हैं. वह जहां जाते हैं उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. इंसान का पहला धर्म यही होना चाहिए कि अगर हम किसी भी तरह से किसी की जान बचाने के लायक हैं तो हमें बढ़-चढ़कर आगे आना चाहिए. वह कहते हैं कि उनकी उम्र का नंबर चाहे जो हो लेकिन उनमें खूब फुर्ती है.
वह बताते हैं कि उन्हें ऐसा करते रहना अच्छा लगता है. उन्हें रक्तदान करने से किसी भी तरह की कोई कमजोरी महसूस नहीं होती है. जब भी किसी प्रोग्राम में वह जाते हैं, तो लोगों को जागरूक करते हैं कि सभी रक्तदान करें.
वह चाहते हैं कि लोग आगे आएं ताकि जिन लोगों को समय पर ब्लड नहीं मिल पाता है, उन लोगों के लिए ब्लड की व्यवस्था हो सके.
वह बताते हैं कि कभी भी किसी रक्तदान शिविर में जाकर फोटो खिंचवाने के लिए रक्तदान उन्होंने नहीं किया. बल्कि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में जाकर ही रक्तदान करते हैं. इसके अलावा वाट्सएप ग्रुप बनाए हुए हैं. जिन लोगों को वह मोटिवेट करते हैं उनका नंबर उस ग्रुप में शामिल कर देते हैं. इससे एक तो सभी प्रेरित होते हैं. साथ ही अगर कहीं किसी को भी ब्लड की आवश्यकता होती है तो उस ग्रुप के सदस्य तत्काल जरूरतमंद के सम्पर्क में आ जाते हैं.
शिवपुरी : यूं तो आपने बड़े-बड़े दानवीरों के बारे में सुना होगा, लेकिन आज हम जिन महादानियों के बारे में बात करने जा रहे हैं वह अपने विशेष कर्तव्य के चलते असल जीवन में महादानी हैं और किसी नायक से कम नहीं हैं. हम बात कर रहे हैं शिवपुरी के रहने वाले आदित्य पुरी गोस्वामी बारे में.
शिवपुरी की पृष्ठ भूमि से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन उनके रगों में जो खून बहता है उसे वह लगातार दान करते रहते हैं. वह ऐसे शख्स हैं जिन्होंने अब तक तीसरी बार ब्लड डोनेट किया है. उनका मानना है कि कई बार ऐसी दुर्घटना हो जाती हैं जब किसी की भी जान पर बन आती है.
ऐसे में जब किसी को चोट लगती है या फिर गंभीर बीमारी रहती है तो स्वाभाविक है कि रक्तश्राव भी होना लाजिमी है. ऐसे में वह हर मुमकिन मदद ऐसे व्यक्ति की करने की इच्छा रखते हैं औऱ आवश्यकता लगती है तो औऱ लोगों को भी मदद के लिए बुलाते हैं.
आदित्य पुरी गोस्वामी बताते हैं कि ईश्वर की कृपा है कि वह तीसरी बार रक्तदान कर रहे हैं. उनके शरीर में गजब की फुर्ती बनी रहती है. कई बार कुछ लोग भ्रम उतपन्न करते हैं कि ब्लड डोनेट करने से कमजोरी आ जाती है. ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए, लेकिन ये सब बाते निरर्थक हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें बेसब्री से इंतजार रहता है कि कब मुझे फोन कॉल आए रक्तदान किए हुए हों और वह पुनः ब्लड डोनेट करें. सुकू