चक्काजाम करीब एक घंटे तक चला। इस दौरान किसानों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तत्काल खाद उपलब्ध कराने की मांग की। सूचना मिलने पर कोलारस थाना प्रभारी रवि चौहान और तहसीलदार सचिन भार्गव मौके पर पहुंचे। अधिकारियों की समझाइश के बाद किसान जाम हटाने को राजी हुए और यातायात बहाल हुआ।
किसान सिरनाम ने बताया कि वह 13 मई को कोलारस तहसील पहुंचे थे, जहां उन्होंने खाट डालकर पूरी रात इंतजार किया था। 14 मई को उन्हें कच्चा टोकन मिला, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी पक्का टोकन नहीं मिला। शुक्रवार सुबह जैसे ही खाद वितरण की सूचना मिली, वह फिर से तहसील पहुंचे, लेकिन दोपहर तक कोई टोकन नहीं बांटे गए।
वहीं, किसान प्रद्युम शर्मा और मोनू यादव ने कहा कि मानसून आने वाला है और खेतों की तैयारी के लिए डीएपी खाद की जरूरत है। प्रशासन ने 30 मई को खाद वितरण की बात कही थी। इसी उम्मीद में वे सुबह 4 बजे से लाइन में लगे रहे, लेकिन दोपहर तक कोई टोकन नहीं मिला।
इस संबंध में तहसीलदार सचिन भार्गव ने बताया कि किसान बिना सूचना के तहसील परिषद में पहुंच गए थे। किसान सिर्फ डीएपी खाद की मांग कर रहे हैं, जबकि नैनो डीएपी और एपीके पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन किसान इन्हें लेने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने बताया कि 26 मई को कोलारस और बदरवास डबल लोक पर 1000-1000 बोरी डीएपी खाद पहुंची थी, साथ ही दोनों तहसीलों की सोसायटी पर 4500 बोरी डीएपी खाद वितरित की गई। फिलहाल डीएपी का स्टॉक खत्म हो चुका है। जैसे ही नया स्टॉक आएगा, किसानों को वितरित कर दिया जाएगा।
किसानों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द खाद की व्यवस्था करे ताकि वे समय पर खेतों की बुवाई कर सकें। वहीं, प्रशासन खाद की आपूर्ति पर निर्भर होने की बात कह रहा है। फिलहाल क्षेत्र में खाद संकट के कारण किसानों में भारी नाराजगी है।