एडवोकेट रमेश मिश्रा ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि सहारा ग्रुप की नौ कंपनियों की जांच का आदेश पहले ही 2018 व 2020 में भारत सरकार द्वारा दिया जा चुका है, जिनमें सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रॉडक्ट्स लिमिटेड, समेत एंबिवेली लिमिटेड,किंग एंबी सिटी देवेलोपर्स कारपोरेशन लिमिटेड, सहारा इंडिया कमर्शियल कारपोरेशन लिमिटेड, सहारा प्राईम सिटी लिमिटेड, सहारा इंडिया फाइनेंसियल कारपोरेशन लिमिटेड, सहारा इंडिया रियल एस्टेट कारपोरेशन लिमिटेड,आदि कंपनियां शामिल हैं।
उन्होंने लिखा है कि इन कंपनियों द्वारा देशभर के करोड़ों निवेशकों से भारी भरकम राशि धोखे से वसूली गई, लेकिन अब तक न तो उनका पैसा लौटाया गया है और न ही कोई ठोस कार्यवाही हुई है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि देश के करोड़ों नागरिकों को न्याय दिलाने हेतु भारत सरकार गंभीर धोखाधडी जांच कार्यालय को शीघ्र जांच पूरी करने हेतु निर्देशित व आदेशित किया जावे/
एडवोकेट रमेश मिश्रा ने आरोप लगाया है कि, सहारा इंडिया द्वारा गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय को सहयोग नही किए जाने से जांच में विलम्ब हो रहा है/भारत सरकार, शीघ्र जांच पूरी कराकर, रिपोर्ट तैयार कराए। सहारा के ठगी पीड़ित गरीब निवेशकों को उनकी अपनी जमा राशि का ब्याज सहित भुगतान दिलाकर, न्याय प्रदान करे/